फिर से देश में जमींदारी राज!

एतना फरेस्टेड हम आज तक जिनगी में कभियो नहीं हुए थे, जेतना कि ऐश्वर्या राय की सगाई से हुए हैं। एतना फरस्टेशन तो हमको तभियो नहीं हुआ था, जब माधुरी दीक्षित को एक ठो परदेसी ब्याहकर ले गया था। दरअसल, हमरी फरस्टेशन की वजह ई है कि इस देश में तमाम बढि़या चीज गिने-चुने दोए-चार आदमी के हवेली में पहुंच रही है। पैसा हो या पावर, नालेज हो या खूबसूरती, देश के सब संसाधनों पर दोए-चार घरानों का कब्जा होता जा रहा है। भई, ई ठीक बात नहीं। ई तो गुलामी के दिनों का भारत हो या, मतलब जमींदारी प्रथा वाला देश-- धनी बस जमींदार साहेब हों, बाकी सब गरीब रहेगा।

हमरे खयाल से पैसा, पावर, जमीन हो या फिर खूबसूरती, इनका समाज के सभी वर्गों में असमान ही सही, वितरण तो होना ही चाहिए। परजातंत्र में किसी की मोनोपोली काहे होगी? लेकिन अपना देश है कि विकेंद्रीकरण में विशवासे नहीं करता! अंबानी दिनोंदिन धनी होते जा रहे हैं, तो मंगरू दिनोंदिन गरीब। पवार साहब का पावर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है, तो डालमिया का दिनोंदिन घटता ही जा रहा है। कृषि मंत्री शरद पवार को औरो पावर चाहिए था, इसलिए ऊ भारतीय किरकेट के मुखिया बन गए, उससे भी पेट नहीं भरा तो अब आईसीसी का चुनाव लड़ रहे हैं। कांगरेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ७२ ठो संस्था की अध्यक्ष हैं, लेकिन पावर की भूख खतमे नहीं हो रही, सो उन्होंने अपने लिए यूपीए अध्यक्ष की स्पेशल कुर्सी बनवा ली।

जमींदारी खानदानी होती थी, यहां भी मामला खानदानी बनता जा रहा है। सोनिया की कुर्सी राहुल को मिलेगी, ई तय है, तो इहो मानकर चलिए कि सुपर स्टार की कुर्सी भी अमिताभ से अभिषेक को ही टरांसफर होगी औरो बेचारा शाहरुख टापते रह जाएंगे। आखिर इसकी तैयारी तो हो रही है- इंडस्ट्री का सबसे बढि़या स्क्रिप्ट उनके लिए तैयार हो रहा है, ए ग्रेड की हीरोइन उनको मिल रही है, तो ए ग्रेड के डायरेक्टर उनको मिल रहे हैं। अब क्या चाहिए? जब संसाधन एतना बढि़या होगा, तो प्रोडक्ट सुपर हिट होगा ही न!

हद तो ई है भैय्या कि रोटी-नून तक में जमींदारी चल रही है। रिलायंस नून-तेल से लेकर सब्जी तक बेचने पर उतारू है, तो वालमार्ट जैसन खिलाड़ियों मैदान में टपकने वाला है। अब आप ही बताइए, जब चकमक पांच सितारा मॉल में पटरी पर से सस्ती चीजें मिलेंगी, तो पटरी पर के गंधाते दुकानदारों से चीज खरीदने कौन जाएगा? यानी जल्दिये छोटकी- मोटकी दुकान सब बंद हो जाएगी औरो औरो दिल्ली जैसन शहर में लोगों को स्कूटर का पंक्चर ठीक कराने भी मॉल में जाना होगा, लेकिन चिंता की बात ई है कि फिर सुल्तान मियां के दर्जन भर बाल-बच्चे का का होगा, जो इस धंधा में लगा है? रिलायंस औरो वालमार्ट की जमींदारी से तंग आकर ऊ या तो दुबई कमाने चले जाएंगे या फिर भूखे मर जाएंगे या संभव है कि ऊ आतंकवादियो बन जाए! अब का कीजिएगा, पेट नहीं भरेगा, तो लो कुछ न कुछ तो करबे करेगा न!

मतलब जब जमींदार बढ़ते हैं, तो स्वाभाविक तौर पर क्रांतिकारी भी बढ़ते हैं। यानी हम भी क्रांति कर सकता हूं औरो पार्टी में सल्लू मियां औरो विवेक ओबेराय को भी शामिल कर सकता हूं। आखिर 'जमींदार' बच्चन ने दोनों को हमरी तरह 'ऐश्वर्यविहीन' जो कर दिया है!

टिप्पणियाँ

सही लिखा है!!! आज आपका मुख्य-पृष्ठ पर आलेख भी पढ़ा वह भी इससे कमतर अच्छा तो नहीं, बहुत पसंद आया। शुभकामनाएँ।
Udan Tashtari ने कहा…
बढ़िंयां है.
Divine India ने कहा…
इ बड़ी बढ़िया बात कहल हो,इतनी सहजता से बहुत गहरी बात कहना कम मामूली बात नहीं है…सोंच बहुत सुंदर है।
रवि रतलामी ने कहा…
आपके फ्रस्टेशन में हम भी शामिल हैं और शायद गूगल भी.

यह कड़ी देखें
यह कड़ी देखें - बिहारीबाबू, ऐश्वर्याराय और गूगल
रवि रतलामी ने कहा…
ऊपर दी गई कड़ी और फ्रस्टिया रहा है पता नहीं क्यों

सही कड़ी है -

यह कड़ी देखें - बिहारीबाबू, ऐश्वर्याराय और गूगल
ePandit ने कहा…
"तो इहो मानकर चलिए कि सुपर स्टार की कुर्सी भी अमिताभ से अभिषेक को ही टरांसफर होगी औरो बेचारा शाहरुख टापते रह जाएंगे। आखिर इसकी तैयारी तो हो रही है- इंडस्ट्री का सबसे बढि़या स्क्रिप्ट उनके लिए तैयार हो रहा है, ए ग्रेड की हीरोइन उनको मिल रही है, तो ए ग्रेड के डायरेक्टर उनको मिल रहे हैं। अब क्या चाहिए? जब संसाधन एतना बढि़या होगा, तो प्रोडक्ट सुपर हिट होगा ही न"

एकदम सच कहा जी, खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान। पर अभिषेक शाहरुख की जगह कभी नहीं ले सकेंगे।

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