हिंदी ब्लॉग जगत को सलाम
इंडीब्लॉगीज अवॉर्ड के परिणाम की घोषणा हो चुकी है। ब्लॉगर्स सिरमौर समीर लाल जी को बधाई भेजी, तो आप सभी को धन्यवाद कहने को दिल चाहा। परिणाम की दृष्टि से यह जितना अच्छा वोटिंग के मामले में रहा, मेरे खयाल से इससे बेहतर यह हिंदी ब्लॉगर्स परिवार को समृद्ध करने के मामले में रहेगा। अपने प्रति समर्थन जताने के लिए मैं अपने सभी शुभेच्छुओं का धन्यवाद करना चाहता हूं। मुझे उन लोगों के लिखे एक-एक शब्द याद हैं, जिन्होंने ब्लॉगर बनने के बाद से अब तक मेरे ब्लॉग पर अपने कमेंट भेजे। विश्वास कीजिए, मैं जो भी लिखता हूं, उसमें आप सब के प्रोत्साहन का योगदान ज्यादा रहता है, मेरे दिमाग का योगदान कम।
हां, एक चीज मैं और स्पष्ट करना चाहता हूं और वह यह कि मैं तकनीकी मामले की ज्यादा जानकारी नहीं रखता, इसलिए पोस्ट लिखने के अलावा, मैं कुछ नहीं कर पाता। यहां तक कि किसी ब्लॉग पर कमेंट करने में मेरे छक्के छूट जाते हैं। (पोस्ट के मामले में मैं पूरी तरह सुर का ऋणी हूं, बिहारी बाबू के तमाम वाणों की मालकिन वही हैं। मैं तो अदना-सा अवैतनिक कर्मचारी हूं) इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि हर उस पोस्ट, जो हकीकत को सीधे या घुमा-फिराकर भी उघारता हो, जो हमारा स्वस्थ ज्ञानवर्द्धन और मनोरंजन करता हो, पर शाबासी का मेरा एक कमेंट मान लिया जाए। लिखने के तरीके के मामले में तो मैं ९० फीसदी ब्लॉगरों का कायल हूं। वाकई आप सभी बेहतर लिखते हैं और इससे भी बड़ी बात यह कि ज्यादा बेहतर सोचते हैं।
हां, एक चीज और जो मैं नारद जी से कहना चाहता हूं, वह यह है कि नारद जी साफ-सुथरा रहें, तो पाठकों को ज्यादा आनंद दे पाएंगे। (ऐसा मेरा मानना है।) अगर कोई अपना मानसिक कचरा इस प्लेटफॉर्म पर बिखेरना चाहें, तो उन्हें रोका जाना चाहिए। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर उच्छृंखलता दिखाने वाले को उन्हें रोकने का प्रयास करना चाहिए।
मैं यहां अनूप जी, सृजन शिल्पी जी, जगदीश जी, सुनील दीपक जी व रवि रतलामी जी को इस बात की बधाई देना चाहता हूं कि वे इतना बेहतर देते हैं कि ब्लॉग जगत ने उन्हें अपने लिए इतना खास माना। मेरी दुआ कि वे आगे भी इतना ही अच्छा लिखते रहें। और अंत में जय हो जीतू भैया की। उनकी चौधराहट यूं ही कायम रहें और उनके जुगाड़ से हम अपने कबाड़ में यूं ही जान डालते रहें। एक बार फिर आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
हां, एक चीज मैं और स्पष्ट करना चाहता हूं और वह यह कि मैं तकनीकी मामले की ज्यादा जानकारी नहीं रखता, इसलिए पोस्ट लिखने के अलावा, मैं कुछ नहीं कर पाता। यहां तक कि किसी ब्लॉग पर कमेंट करने में मेरे छक्के छूट जाते हैं। (पोस्ट के मामले में मैं पूरी तरह सुर का ऋणी हूं, बिहारी बाबू के तमाम वाणों की मालकिन वही हैं। मैं तो अदना-सा अवैतनिक कर्मचारी हूं) इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि हर उस पोस्ट, जो हकीकत को सीधे या घुमा-फिराकर भी उघारता हो, जो हमारा स्वस्थ ज्ञानवर्द्धन और मनोरंजन करता हो, पर शाबासी का मेरा एक कमेंट मान लिया जाए। लिखने के तरीके के मामले में तो मैं ९० फीसदी ब्लॉगरों का कायल हूं। वाकई आप सभी बेहतर लिखते हैं और इससे भी बड़ी बात यह कि ज्यादा बेहतर सोचते हैं।
हां, एक चीज और जो मैं नारद जी से कहना चाहता हूं, वह यह है कि नारद जी साफ-सुथरा रहें, तो पाठकों को ज्यादा आनंद दे पाएंगे। (ऐसा मेरा मानना है।) अगर कोई अपना मानसिक कचरा इस प्लेटफॉर्म पर बिखेरना चाहें, तो उन्हें रोका जाना चाहिए। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर उच्छृंखलता दिखाने वाले को उन्हें रोकने का प्रयास करना चाहिए।
मैं यहां अनूप जी, सृजन शिल्पी जी, जगदीश जी, सुनील दीपक जी व रवि रतलामी जी को इस बात की बधाई देना चाहता हूं कि वे इतना बेहतर देते हैं कि ब्लॉग जगत ने उन्हें अपने लिए इतना खास माना। मेरी दुआ कि वे आगे भी इतना ही अच्छा लिखते रहें। और अंत में जय हो जीतू भैया की। उनकी चौधराहट यूं ही कायम रहें और उनके जुगाड़ से हम अपने कबाड़ में यूं ही जान डालते रहें। एक बार फिर आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
टिप्पणियाँ
टिप्पणी तो आपको देनी ही चाहिए, दस्तूर है। अब आपने कहा कि आप तकनीकी रूप से दक्ष नहीं है, तो कैसे करें। चलिये हम आपको एक सुझाव देते है । आशा है कि न केवल आपको वरन अन्य चिट्ठाकारों को भी यह ठीक लगेगा।
अब आप टिप्पणी देने में सिद्ध नहीं है, कोई बात नहीं - हर एक टिप्पणी जो आप देना चाहते हैं, बस उसके विकल्प के रूप में एक और पोस्ट कर दीजिये...
हम तो हर्षित होंगे, और अन्य चिट्ठाकार, पाठक भी शायद!
इन्डीब्लॉगीज के उपविजेता बनने के लिए बहुत बहुत बधाई। आप अच्छा लिखते है, मै आपको अक्सर पढता हूँ, यदा कदा टिप्पणियां भी करता रहता हूँ।
कभी भी किसी भी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए मै आपके सिर्फ़ एक इमेल की दूरी पर ही तो हूँ।
आपकी लेखनी के तो हम हमेशा से कायल हैं और लगातार टिप्पणी कर अगले लेख की फरमाईश करते आये हैं. आज आपकी बधाई के लिये मिली टिप्पणी से हमारा चिट्ठा भी धन्य हो गया. बहुत धन्यवाद और बधाई इंडीब्लागिज मे सफलता के लिये.
फ़ुरसतियाजी, आप सभी की बातें क्या क्या जायें बखानी
स्तंभ आप सब हैं हिन्दी के, लिख चिट्ठे समॄद्ध कर रहे
सँग समीर के आप सभी, स्वीकार कीजिये मेरी सलामी
टिप्पणी करने की जहाँ तक बात है तो इसमें न तो किसी तकनीकी कौशल की जरुरत है न बहुत ज्यादा समय की। आप अकेले ऐसे खुशकिस्मत हैं जो कहीं टिप्पणी नहीं करते फिर भी आपकी पोस्टों पर सब टिपियाते हैं।
और हाँ आपकी पहली हिन्दी पोस्ट के लिए बधाई, कम से कम मैंने तो पहली ही पढ़ी है।