बजट संग होली: एतना डेडली कंबिनेशन!
बजट के चार दिन बाद होली! यानी उल्लास के महापरब से तुरंत पहले 440 वाट का झटका... ई तो सरासर नाइंसाफी है भाई! हमरे समझ में ई नहीं आ रहा कि बैठकर होली खेलने की पलानिंग करूं या बजट से नून-तेल केतना महंगा-सस्ता हो गया, इसका विश्लेषण। सही बताऊं, तो वित्त मंत्री से सहूलियतों का जेतना अरमान संजोया था, सब बजट भाषण के एक घंटा में चकनाचूर हो गया। अब अगर होली मनाने की चिंता करता हूं, तो बजट पर चिंतन छोड़ना होगा औरो बजट की चिंता करूं, तो होली की तो वाट लगनी तय है!
हमरे खयाल से बजट औरो होली एतना करीब नहीं हो, इसके बारे में धरम के ठेकेदारों औरो देश के नीति नियंताओं को गंभीरता से सोचना चाहिए। अब का है कि होली जैसन परब का अगर बजट के चक्कर में गुड़-गोबर हो जाए, तो ठीक नहीं। बजट में तो अब कौनो रस रहा नहीं, होली को काहे नीरस कर रहे हो भाई? साल में एक बार तो होली आती है, उसका भी मजा नहीं लेने दोगे, तो एतना टेंशन में तो आदमी मरिये जाएगा।
वैसे, नीति-नियंता बजट की तारीख शायद ही बदल पाए, काहे कि इससे देश का बहुते कुछ जुड़ा होता है, लेकिन हमरे खयाल से धरम के ठेकेदार इस मामले में बहुत कुछ कर सकते हैं। आखिर डेट आगे-पीछे करना उनके बाएं हाथ का खेल जो है! अगर होली बजट के तुरंत बाद हो, तो कुछ ऐसन कह दिया जाए कि अभी होली मनाना सुरक्षित नहीं है, काहे कि दो ग्रह एक-दूसरे के घर में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं, होली अब एक महीने बाद होगी। इससे होगा ई कि महीने भर में लोग बजट का गम भूल जाएंगे औरो होली बढ़िया से मना पाएंगे। और कोयो बढ़िया बहाना नहीं मिले, तो शनि का नाम ले लीजिएगा! उसके नाम से लोगों की हालत ऐसने खराब रहती है... आप शनि का नाम लेंगे, तो एक महीना क्या, लोग साल भर होली नहीं मनाएंगे।
तो देश के भाग्यविधाताओं औरो धरम के ठेकेदारों, पिलीज हमरी इस अपलीकेशन को सीरियसली लीजिए। अब का है कि भांग में बहुते ताकत होती है, सो होली मनाता रहूंगा, तो बजट का एगारह हजार वाट का झटका भी झेलता रहूंगा। लेकिन अगर आप हमरी बात नहीं मानेंगे औरो होली व बजट में एतना कम दिन का अंतर रखेंगे, तो होगा ई कि थोड़ा-सा भांग खाकर जमकर रंग-गुलाल खेलने की बजाय हम ढेर सारा भांग खाकर नशे में सो जाऊंगा! फिर भांड़ में जाएगा आपका बजट औरो उनकी होली, अपनी परब तो नींद के साथ हो ली।
खैर, बावजूद बजट के इन झटकों के हमरे गुरु जी का कहना है कि लोगों को इस बार जमकर होली खेलनी चाहिए, काहे कि उसके जेनुइन रीजन हैं... अब का है कि दो राज्यों की निकम्मी सरकार को जनता जनार्दन ने औकात बता दी, इसलिए होली खेलिए... मणिपुर के भाइयों ने भारतीय लोकतंत्र में आस्था रखी, इसलिए होली खेलिए... भारतीय टीम क्रिकेट विश्व कप में आपकी हार्ट बीट बढ़ाने वाली है, इसलिए होली खेलिए... औरो सबसे बड़ी बात ई कि होली भाईचारा औरो उल्लास का परब है, इसलिए होली खेलिए। बजट का का है, आप तो रोज ऐसन झटका झेलते हैं, समझिएगा एक ठो औरो भूकंप आकर गुजर गया! बहरहाल, आप सब को होली मुबारक हो।
हमरे खयाल से बजट औरो होली एतना करीब नहीं हो, इसके बारे में धरम के ठेकेदारों औरो देश के नीति नियंताओं को गंभीरता से सोचना चाहिए। अब का है कि होली जैसन परब का अगर बजट के चक्कर में गुड़-गोबर हो जाए, तो ठीक नहीं। बजट में तो अब कौनो रस रहा नहीं, होली को काहे नीरस कर रहे हो भाई? साल में एक बार तो होली आती है, उसका भी मजा नहीं लेने दोगे, तो एतना टेंशन में तो आदमी मरिये जाएगा।
वैसे, नीति-नियंता बजट की तारीख शायद ही बदल पाए, काहे कि इससे देश का बहुते कुछ जुड़ा होता है, लेकिन हमरे खयाल से धरम के ठेकेदार इस मामले में बहुत कुछ कर सकते हैं। आखिर डेट आगे-पीछे करना उनके बाएं हाथ का खेल जो है! अगर होली बजट के तुरंत बाद हो, तो कुछ ऐसन कह दिया जाए कि अभी होली मनाना सुरक्षित नहीं है, काहे कि दो ग्रह एक-दूसरे के घर में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं, होली अब एक महीने बाद होगी। इससे होगा ई कि महीने भर में लोग बजट का गम भूल जाएंगे औरो होली बढ़िया से मना पाएंगे। और कोयो बढ़िया बहाना नहीं मिले, तो शनि का नाम ले लीजिएगा! उसके नाम से लोगों की हालत ऐसने खराब रहती है... आप शनि का नाम लेंगे, तो एक महीना क्या, लोग साल भर होली नहीं मनाएंगे।
तो देश के भाग्यविधाताओं औरो धरम के ठेकेदारों, पिलीज हमरी इस अपलीकेशन को सीरियसली लीजिए। अब का है कि भांग में बहुते ताकत होती है, सो होली मनाता रहूंगा, तो बजट का एगारह हजार वाट का झटका भी झेलता रहूंगा। लेकिन अगर आप हमरी बात नहीं मानेंगे औरो होली व बजट में एतना कम दिन का अंतर रखेंगे, तो होगा ई कि थोड़ा-सा भांग खाकर जमकर रंग-गुलाल खेलने की बजाय हम ढेर सारा भांग खाकर नशे में सो जाऊंगा! फिर भांड़ में जाएगा आपका बजट औरो उनकी होली, अपनी परब तो नींद के साथ हो ली।
खैर, बावजूद बजट के इन झटकों के हमरे गुरु जी का कहना है कि लोगों को इस बार जमकर होली खेलनी चाहिए, काहे कि उसके जेनुइन रीजन हैं... अब का है कि दो राज्यों की निकम्मी सरकार को जनता जनार्दन ने औकात बता दी, इसलिए होली खेलिए... मणिपुर के भाइयों ने भारतीय लोकतंत्र में आस्था रखी, इसलिए होली खेलिए... भारतीय टीम क्रिकेट विश्व कप में आपकी हार्ट बीट बढ़ाने वाली है, इसलिए होली खेलिए... औरो सबसे बड़ी बात ई कि होली भाईचारा औरो उल्लास का परब है, इसलिए होली खेलिए। बजट का का है, आप तो रोज ऐसन झटका झेलते हैं, समझिएगा एक ठो औरो भूकंप आकर गुजर गया! बहरहाल, आप सब को होली मुबारक हो।
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