Saturday, June 30, 2007

नेतागिरी में कमाऊ कैरियर

जब से हमने यूपी की मुखमंतरी बहन जी के 52 करोड़ रुपये की संपत्ति के बारे में सुना है, हमरा मन नेता बनने के लिए मचलने लगा है। ऊ भी एतना कि उसको संभालना हमरे लिए मुशकिल हो रहा है। बताइए, इससे बढ़िया कैरियर औरो कौन हो सकता है, जिसमें 3 साल में आपकी संपत्ति चार सौ गुना हो जाए! जब बहुजन का नेता बनकर कोयो दस-बीस साल में 52 करोड़ बना सकता है, तो जरा सोचिए हम सर्वजन का नेता बनकर केतना अरब कमा लूंगा?

फिर जब सामाजिक औरो आरथिक रूप से कमजोर वर्ग का नेता जनता के चंदा से आधा अरबपति बन सकता है, तो मजबूत वर्ग का नेता तो चंदा के बल पर खरबपति बन जाएगा! बस, इसलिए नेता बनने की हम पलानिंग कर रहा हूं। तब जनता से 'नजराना वसूलने' के लिए हम साल में दो बार जनम दिन मनाऊंगा- एक ठो ओरिजिनल औरो एक ठो सारटीफिकेट वाला। फिर इसी तरह पहले क्वाटर जनमदिन औरो फिर अद्धा, मतलब चंदा लेबे वाला जेतना बहाना हो सकता है, सब आजमाऊंगा। आखिर बलैक माल को हुआइट कराने का इससे बढ़िया बहाना औरो का हो सकता है?

का बताएं, हमको तो बहुतों को कोसने का मन कर रहा है, लेकिन किस- किस को कोसूं, ई डिसैड नहीं कर पा रहा हूं। बताइए, एतना बढ़िया कैरियर के बारे में हमको कभियो किसी ने नहीं बताया। बचपन में मां-बाप से लेकर गुरुजी तक, सब हमको डाक्टर, इंजीनियर या फिर आईएएस बनने के बारे में ही बताते रहे, कभियो किसी ने नहीं कहा कि नेता बनकर भी करोड़पति-अरबपति बना जा सकता है, उसी में कैरियर बनाओ। मन तो कर रहा है कि उस कैरियर कंसलेटेंट को भी जाकर कान के नीचे दू झापड़ लगाऊं, जिसने हमको कभियो एतना बराइट कैरियर के बारे में नहीं बताया। हां, नेता बनने के बारे में बचपन से जरूर एक गाना सुनता आ रहा हूं -- '... नेता तुम्ही हो कल के', लेकिन कमबख्त उसमें भी इंसाफ की डगर पर चलने की बात होती है! आप ही बताइए, इंसाफ की डगर पर चलकर तो कोई बस खाकपति बन सकता है, उस पर चलकर हम भला अरबपति कैसे बनूंगा?

खैर, 'जभी जागो, तभी सबेरा' के सिद्धांत को मानते हुए अब तो हम पूरी जिंदगी नेतागिरी में इन्भेस्ट करने को तैयार हूं। भाड़ में जाए पतरकारिता। हम तो कहता हूं कि शेयर में पैसा लगाने वाला सब भी बेकूफ है। भैया, एतना तगड़ा रिटर्न तो नैस्देक का शेयर बाजारो नहीं दे सकता, जेतना कि पोलिटिक्स देता है। ई परेमजी औरो मित्तल सब तो बेकूफ है, जो एक को दू बनाने में एतना साल लगा देता है।
नेता बनके सबसे पहले हम सीए के कोर्स में परिवर्तन कराऊंगा। का है कि हमको ऐसन सीए चाहिए होगा, जो सब 'नदियों' से बहकर आने वाले धनों का 'संगम' चंदा के रूप में करा दे। ऐसे में जैसन इलेक्ट्रिसिटी, बैंकिंग औरो इंश्योरेंस सेक्टर के बास्ते अलग-अलग एकाउंटिंग पढ़ाया जाता है, वैसने नेताओं की संपत्ति के आडिट के लिए भी अलग से एकाउंटिंग पढ़ाने की व्यवस्था करूंगा।

तो शुभस्य शीघ्रम के अंदाज में आप ई मान लीजिए कि नेता बनने का यही हमरा घोषणा पत्र है। समझ लीजिए कि देश का 'गौरव' बढ़ाने वाला अरबपति नेता बनने के लिए एक ऐसन आदमी ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है, जो अभी लखपतियो नहीं है! आप तो समरथन दीजिएगा न?

Saturday, June 23, 2007

महिला राष्ट्रपति औरो डीवीडी पिलेयर!

हम गए थे एक ठो डीवीडी पिलेयर खरीदने, लेकिन हमको विष्णु शरमा जैसन एक ठो ऐसन दुकानदार भेंटा गया कि उससे पूरा माडर्न पंचतंत्र पढ़कर आ रहा हूं। हमने उससे कहा कि भैया, एक ठो ढंग का डीवीडी पिलेयर चाहिए। उसने बत्तीस ठो गुड़ गोबर कमपनी का डीवीडी पिलेयर दिखा दिया औरो उसकी खासियत भी गिना दी, लेकिन बरांडेड कमपनी का एको ठो नहीं दिखाया।

हमने उससे कहा कि भैया, हम 'महंगा रोए, एक बार' के सिद्धांत में विश्वास करता हूं, इसलिए तनिक बरांडेड डीवीडी पिलेयर दिखाओ। बेचारा, ऐसन उखड़ा कि हम उसके दुकान से बाहर होते-होते बचे। बोला, 'ऐसन है कि आप डीवीडी पिलेयर मांग रहे बरांडेड औरो इसमें डीवीडी चलाइएगा पायरेटेड। बराडेंड डीवीडी पिलेयर में दुनिया का सब डीवीडी चल सकता है, लेकिन पायरेटेड नहीं। आप बजार से ढाई सौ टका वाला ओरिजिनल डीवीडी तो खरीदिएगा नहीं औरो दौड़े आइएगा हमरे पास कि हमने सामान डुपलीकेट पकड़ा दिया। भैया, छोटकी-मोटकी लोकल कंपनी का कोयो डीवीडी पिलेयर ले जाइए, कैसेनो सड़ल डीवीडी लगाइएगा, झक्कास दिखेगा, चाहे ऊ ब्लू हो या हुआइट। बरांडेड चीज लेकर अचार डालिएगा का? दू हजार के इस लोकल कंपनी के डीवीडी पिलेयर पर हम आपको चार साल का गैरान्टी दे सकता हूं, लेकिन चार हजार के बरांडेड कंपनी पर एक साल का मात्र वारंटी दूंगा, गैरान्टी नहीं।'

हमने कहा, 'भैय्या, ई कैसन दुनिया है, बेसी पैसा तो लोग बढ़िया चीज खरीदने के लिए देता है, आप तो उलटे बतिया रहे हैं? बरांडेड महंगा होता है, तो क्वॉलिटी बढ़िया होती है, उसमें पाइरेटेड औरो ओरिजिनल सब डीवीडी चलना चाहिए न, लेकिन आप कह रहे हैं पायरेटेड चलबे नहीं करेगा?'

ऊ कहने लगा, 'आप जेतना भोले हैं, उतने दिखते नहीं! लगता है आपको दूसरे भाषा में समझाना पड़ेगा। आप बरांडेंड और क्वॉलिटी की बात कर रहे हैं, आप एक ठो चीज बताइए- इस देश में केतना सही आदमी, सही जगह पर पहुंच पाता है? आप जेतना बेईमान होइएगा, इस सिस्टम में ओतना रन कीजिएगा। देख लीजिए न, जेतना ईमानदार अफसर होता, सब सचिवालय में बैठकर मक्खी मारता है औरो बेईमान अफसर सब जिला में तैनात होकर मलाई खाता है। मंतरी से लेकर जनता तक ऐसन अफसर से खुश रहते हैं कि चलो, बेसी कानूनची नहीं है, कुछ ले-देकर सब काम कर देता है! तो बेईमान अफसर को आप पायरेटेड सीडी मान सकते हैं, जो बढ़िया व खराब सब सरकार में अपना जुगाड़ फिट कर लेता है औरो हमेशा आबाद रहता है। वैसे, आप तो जानबे करते हैं कि आजकल बढ़िया सरकार होबे कहां करता है!'

हमने उसे रोका, 'सिस्टम खराब की बात मत कहिए, देखिए महिला राष्ट्रपति बस बनने ही वाली है...।'
अब उसने हमको रोका, 'यही तो विडंबना है, जो नेता सब महिलाओं को आज तक संसद में 33 परतिशत आरक्षण नहीं दिला सका, वही अब महिला को राष्ट्रपति बनाने का ढोंग कर रहा है। आपको नहीं पता कि जब मुखर्जी, सिंह औरो पाटिल सरनेम वाले पुरुषों पर सहमित नहीं बनी, तब जाकर ई महिला चौथी च्वाइस बनी औरो आप हैं कि सिस्टम को दाद दे रहे हैं। भैय्या, अपना देश तो ऐसन डीवीडी पिलेयर है, जिसमें ओरिजिनल डीवीडी कभियो चलिए नहीं सकता। सबसे बेसी निकम्मा, यहां सबसे बेसी हिट है। आदमी जेतना पायरेटेड होगा, देश के सिस्टम में ओतना बढ़िया रन करेगा!'
45 डिग्री टैम्परेचर में, ई कुछ बेसिये हाट डिस्कशन हो गया। चलिए, लस्सी पीकर आते हैं।

Thursday, June 14, 2007

निरमोही विदेशिया कोच

लीजिए, अभी एक लात का दर्द हम भूलबो नहीं किए थे कि दूसरा पड़ गया। एक ऊ 'भगवान' गरेग चैपल थे, जिन्होंने पहले तो इस निरीह किरकेटिया देश को सरेआम उंगली दिखाई दी, फिर टीम की ऐसन लुटिया डुबोई कि बांग्लादेश हम पर भारी पड़ गया औरो अब ई एक गराहम फोर्ड बाबू हैं, जिन्होंने आने से पहले ही देश को जुतिया दिया। बताइए, केतना उमीद से हमने 'स्वयंवर' रचा के उन्हें अपना तारणहारण नियुक्त किया था औरो केतना बेदरदी से उन्होंने हमरी उम्मीदों को मटियामेट कर दिया! कहां तो हम उनसे किरकेट खिलवाना चाहते थे औरो कहां ऊ हमरे इमोशन से खेल गए!

फोर्ड बाबू, काश! आप हमरे देश के सवा अरब जनता के उम्मीदों पर ऐसन पानी फेरने से पहले एक बार सोच लिए होते। केतना निरमोही हैं आप भी? बताइए, फिक्सिंग से हम केतना नफरत करते हैं कि हमने अजहर औरो अजय जडेजा जैसन अपने स्टार पिलयर को हमेशा के लिए टीम से निकाल दिया, लेकिन आप एक 'भगवान' थे कि फिक्सिंग में आपका नाम आने के बादो हमने आपको साल भर पूजना स्वीकार किया, लेकिन आपने हमारे इमोशन की...! एतना ही नहीं, हमने आपको ई जानते हुए भी 'भगवान' माना कि आप पर घोर नसलवादी होने का आरोप है। जबकि हम नसलवाद के केतना खिलाफ हैं कि बैठे-बिठाए शिल्पा शेट्टी जैसन रिटायर हो रही हीरोइन को गलोबल परसनैलिटी बना देते हैं। सही बताऊं, एतना छूट तो हम ऊपर बैठे उस भगवान को भी नहीं देते, जिसके बारे में हम मानते हैं कि उसकी किरपादृष्टि हो जाए, तो सहवाग जैसन खिलाडि़यो हर मैच में तिहरा शतक ठोक सकता है औरो हम हर मैच में आस्टेलिया को धूल चटा सकते हैं।

वैसे, फोर्ड बाबू ने हमरे 'भगवान' बनने की प्रार्थना स्वीकार नहीं की, तो इसमें उनकी कौनो गलती नहीं है। अब का है कि अगर हमको लगता है कि विदेशी कोच ही हमको किरकेट के भवसागर से पार लगा सकता है, तो ई हमरा पिराबलम है, विदेशियों की नहीं-- ऊ तो अपने ही कोच से खुश रहते हैं। आज तक कभियो कोई देश गावस्कर या कपिलदेव से कोच बनने के लिए गिड़गिड़ाने नहीं आया, भले ही इन महारथियों के नाम केतना भी रिकार्ड काहे न हो। औरो एक हम हैं कि हर ऐरे-गैरे नत्थू-खैरे विदेशी कोचों के चरण-चंपन में लगे रहते हैं कि ऊ हमरी किरकेटिया टीम का तारणहार बनकर हमें कृतार्थ करें।

बहरहाल, गरेग बाबू औरो फोर्ड बाबू के अंदाज को देखकर तो हम गनीमत मानता हूं कि अभी तक विदेशी लोगों की बात खेलों तक ही सीमित है। जिस दिन बात खेल से निकलकर विदेशी नेताओं के भारत में आयात पर आ जाएगी, पता नहीं उस दिन इस देश का का होगा? वैसे भी अभियो तक अंगरेजों के बनाए तमाम कानूनों पर ही चल रहे इस देश में ऐसन लोगों की कोयो कमी नहीं है, जो फिर से अंगरेज को देश में बुलाना चाहते हैं, ताकि देश पटरी पर चल सके।