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मई, 2007 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राष्ट्रपति की कुर्सी, मंगरू की उम्मीदवारी

देश को एक अदद राष्ट्रपति चाहिए। पूरा देश आजकल उसी की खोज में व्यस्त है, लेकिन एको ठो योग्य उम्मीदवार पर सहमति नहीं बन पा रही। अब जबकि कांग्रेस, बीजेपी से लेकर बसपा तक इस नेशनल टैलेंट हंट शो में जोर आजमाइश कर रहा है, हमको लगता है कि हमरा मंगरू इस पोस्ट के लिए सबसे पकिया उम्मीदवार है। का है कि राष्ट्रपति बनने के लिए अब तक तमाम पार्टियों ने जिस-जिस टैलेंट की बात की है, अपना मंगरू उन सब पर सोलहो आना खरा उतरता है। मंगरू की सबसे बड़की खासियत ई है कि ऊ सब दिन से दबा कुचला रहा है, इसलिए ऊ बोलता बहुत कम है। ऐसन में राष्ट्रपति बनने के बाद ऊ सरकार या संसद के किसी भी ऊटपटांग हरकत के बारे में कभियो कुछो नहीं बोलेगा, इसकी गरंटी है। सोनिया को 'लाभ का पद' के दायरे से बाहर करने की तो बाते छोड़िए, अगर सरकार देश को बेचने का अध्यादेशो लेके आ जाए, तभियो ऊ कुछो नहीं कहेगा। ऐसने अगर सरकार चाहे, तो ऊ एक नहीं हजारों अफजल गुरु को फांसी की तख्ती से उतार देगा औरो सरकार का वोट बैंक मजबूत करने में पूरा मदद कर करेगा। उसकी दूसरी खासियत ई है कि ऊ निपट गंवार है, मतलब ई कि ऊ कभियो सरकारी फैसलों पर उंगली नहीं उठा

बदनाम का हुए, नाम हो गया!

वोल्फोवित्ज जी को आप जानते हैं कि नहीं? हां, हां... वही विश्व बैंक के अध्यक्ष महोदय, जिनकी कुर्सी महज इसलिए छीन ली गई, काहे कि वे प्रेम-पुजारी बन गए हैं। पता नहीं आप इस बारे में का सोचते हैं, लेकिन हमरे खयाल से तो ई बहुत बड़ा अन्याय है उस बेचारे के साथ। बताइए, जिस दुनिया में प्रेम को पूजा माना जाता हो औरो इश्क-मोहब्बत के लिए 'शहीद' हो गए महात्मा वैलंटाइन को देवता जैसन पूजा जाता हो, वहां भला किसी आदमी को अपनी प्रेमिका को प्रमोट करने का कहीं ऐसन खामियाजा भुगतना पड़े? वैसे, वोल्फोवित्ज महोदय की भी गलती है-- उनको चोंच लड़ाने का सार्वजनिक प्रदर्शन करने की का जरूरत थी? अरे भाई, इस बुढ़ापे में घी पीना ही था, तो चुपचाप कंबल ओढ़कर पीते। न किसी को आपकी गुटरगूं का पता चलता औरो न आप परेशान होते। अब बेसी काबिल बनिएगा, तो ऐसने परिणाम भुगतना होगा! सर जी, विदवान औरो बड़का एडमिनिस्ट्रेटरे होने से सब कुछ नहीं हो जाता, बहुत कुछ औरो सीखना पड़ता है। केतना बढ़िया होता, अगर आप हमरे यहां के नेतवन सब से कुछ सीख लिए होते, जो दूसरे की मेहरारू को भी अपनी बताकर सरकारी पैसा पर दुनिया भर में सैर कराते रहते ह

एक अदद पाकेटमार नेता चाहिए!

अपने देश में हर तरह के अपराध को अंजाम देने वाला नेता सब है, बस पाकेटमारों औरो सेंधमारों में से ही ऐसन प्रतिभा नहीं निकल पाया है, जो लोकसभा या विधानसभा की 'गरिमा' बढ़ा सके। ऐसन में अपने देश में समाजवाद खतरे में पड़ गया है। इसका अंदाजा हमको उस दिन हुआ, जब अखिल भारतीय जेबकतरा-सेंधमार महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव से हमरी अचानक मुलाकात हो गई। ऊ बेचारा अपने देश के नेतवन सब से बहुते निराश है। कारण ई कि नेता सब सब तरह के कुकर्म कर रहा है, लेकिन पाकेटमारी औरो सेंधमारी की फील्ड में खुलकर अभियो सामने नहीं आ रहा। पता नहीं आप उसकी निराशा को केतना जायज मानेंगे, लेकिन हमको उससे गहरी सहानुभूति है। उन लोगों के साथ सहिए में अन्याय हुआ है। अब का है कि नेतवन सब ने हत्या, अपहरण, घूसखोरी, घपले-घोटाले जैसन तमाम अपराध को गलैमराइज कर दिया है, तो गांजा-अफीम से लेकर आदमी तक की तस्करी को इज्जत बख्स दी है... का चाकूबाजी औरो का कबूतरबाजी, सब में नेता सब नाम कमा रहे हैं औरो दाम भी, लेकिन अब तक कोयो नेता पाकेटमारी या सेंधमारी करते नहीं पकड़ाया। अब इससे बड़का अन्याय का होगा? उस राष्ट्रीय महासचिव जी का इहो मानना

उसके 'टांग उठाने' के इंतजार में...

मिसराइन जी आजकल बहुते परेशान हैं। उनकी परेशानी का कारणो कम अजीब नहीं है। दिक्कत ई है कि उसका जर्मन नसल वाला डॉगी चारों टांग जमीन पर रखकर सूसू करता है। आप कहेंगे, भाई इसमें परेशानी वाली का बात है... उसकी मरजी... ऊ कुछो करे। अब कुत्ता हुआ, तो कोयो जरूरी है कि टांग उठा के ही...? आप ऐसन कह सकते हैं, लेकिन मिसराइन जी की अपनी तकलीफ है, जो उन्हें डॉगी के टांग उठाने का बेसब्री से इंतजार करवा रही है। अब का है कि उनके पति महोदय, यानी मिसिर जी का कहना है कि जिस दिन डॉगी 'टांग उठाने' लगेगा, तो बूझना कि बच्चा जवान हो गया औरो तब ऊ यहां-वहां गंदा कर तुम्हे परेशान नहीं करेगा। वैसे, मिसराइन को डॉगी से एतनही परॉबलम नहीं है, परॉबलम औरो सब है, लेकिन मिसिर जी के कारण ऊ कुछो बोलतीं नहीं। एक दिन टेबुल पर मिसराइन को एक ठो दवाई वाला चिट्ठा दिख गया, उस पर मरीज का नाम लिखा था लियो मिसर। अब मिसराइन की समझ में ई नहीं आ रहा कि जिस मिसिर जी ने जिंदगी भर कभियो अपने सरनेम पर गर्व नहीं किया, ऊ एतना शान से कुत्ता महोदय के नाम में अपना सरनेम कैसे लगवा रहे हैं! वैसे, मिसराइन को मिसिर जी की ओर से सख्त हिदायत है कि

शहाबुद्दीन को सजा: कानून नहीं, सत्ता की जीत

राजद सांसद शहाबुद्दीन को स्पेशल कोर्ट ने अपहरण और हत्या के एक मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है। अधिकतर लोगों का मानना है कि चलिए, देर से ही सही, एक बिल्ली के गले में अंतत: घंटी तो बांध दी गई, लेकिन सवाल है कि शहाबुद्दीन जैसे बिलौटे इतने बेखौफ क्यों घूमते रहते हैं? इसका जवाब यह है कि जब तक आपकी राजनीतिक हैसियत आपको कानून के लंबे हाथों से बचाने का काम करती रहेगी, आपका इस देश में कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। शहाबुद्दीन को नौ साल पुराने मामले में यह सजा सुनाई गई है और ऐसा भी तभी मुमकिन हुआ है, जब बिहार में उनकी विरोधी पार्टियों की सरकार है। जाहिर है, जब तक बिहार में राजद की सरकार रही, शहाबुद्दीन का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका, क्योंकि मामले की छानबीन करने वाली पुलिस सत्ता के सामने नतमस्तक थी और सत्ता शहाबुद्दीन के सामने। चूंकि शहाबुद्दीन को भी यह बात अच्छी तरह पता थी कि एक तो वह बाहुबली हैं और ऊपर से अल्पसंख्यक, इसलिए उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ऐसे में उन्होंने स्थिति का जमकर फायदा उठाया और वर्षों तक सिवान में समानांतर सत्ता चलाई। वैसे, शहाबुद्दीन के इस पतन का कारण बिहार में विरोधी पार्टियो

किरकेट के नाम पर दे दे बाबा

ई किरकेटिया खिलाडि़यो सब न अजीब हैं। विश्व कप से पहिले किरकेट छोड़कर ऊ विज्ञापनों में बिजी रहते थे औरो विश्व कप से बाहर हुए, तो बीसीसीआई से कुश्ती लड़ने में बिजी हो गए हैं। मतलब सब कुछ करेंगे, बस किरकेट नहीं खेलेंगे! लेकिन उनका ई किरकेट न खेलना अब उन्हीं के लिए समस्या बन गई है। खिलाडि़यों को लाइन पर लाने के लिए किरकेट बोर्ड ने उन्हें तीन से बेसी शैंपू-सर्फ बेचने से रोक दिया है। इससे अब ऊ रो रहे हैं। दिक्कत ई है कि विज्ञापन नहीं करेंगे, तो पैसा कहां से आएगा औरो जब पैसे नहीं आएगा, तो उनके सपनों के उन महलों का क्या होगा, जिनकी नींव विज्ञापनों के भरोसे ही पड़ी है! अब महेंद सिंह धोनी को लीजिए। बेचारे ने इन्हीं विज्ञापनों के बूते लंबे-चौड़े स्विमिंग पूल वाले फाइव स्टार घर का सपना देखा था। निरमाण कार्य शुरुओ हो गया था, लेकिन अब पूरा होना मुश्किल है! मिडिल क्लास फैमिली के धोनी किरकेटर नहीं होते, तो बुढ़ापे में मुश्किल से एक ठो घर खरीद पाते, लेकिन किरकेट में ऐसन चमके सपने भी करोड़ों का देखने लगे। लेकिन इस मुए विश्व कप ने सब चकनाचूर कर दिया। अब कैसे उनका फाइवस्टार घर बनेगा औरो कैसे स्विमिंग पूल,