महिमा सफेद हाथियों की!
जमाना सफेद हाथियों का है। हमरे खयाल इस निराली दुनिया के ऊ सबसे नायाब जीव हैं औरो महिमा ऐसन देखिए कि देश में आजकल ऊ काले हाथियों से बेसी पाए जाते हैं। काले हाथी भले लुप्तप्राय हो रहे हों, लेकिन सफेद हाथियों की हस्ती मिटाए नहीं मिटती। अपने देश में तो हालत कुछ ऐसन है कि कंपनियां पहिले सफेद हाथियों को नौकरी पर रखती है औरो फिर उन घोड़ों के बारे में सोचती है, जिनके भरोसे उनका काम धाम चलेगा। शायद इसकी वजह ई है कि उन्हें सफेद हाथी के 'हाथीत्व' पर कुछ बेसिए भरोसा होता है। वैसे, महंगे सफेद हाथियों का काम होता बहुते आसान है-बस कोड़ा फटकारते रहो... जो काम कर रहा है, उससे औरो काम करवाते रहो। सफेद हाथियों की पहचाने यही है। एक तरफ तो ऊ काम करने वालों को जेतना हो सके प्रताडि़त करते रहते हैं, दुत्कारते फटकारते रहते हैं, ताकि ऊ बेसी से बेसी काम करे, तो दूसरी तरफ काहिलों से उन्हें घनघोर सहानुभूति रहती है। दरअसल, ऊ जानते हैं कि काम करने वालों से आप बस काम करवा सकते हैं, चमचागिरी उनके वश की बात नहीं होती, तो दूसरी तरफ काहिल बस चमचागिरी कर सकते हैं, काम करना उनके वश की बात नहीं होती। ऐसन में काहिलों