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जून, 2006 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भविष्य का बेड़ा गर्क

आजकल सब कुछ भविष्य के भरोसे ही हो रहा है। जिससे मिलिए, वही आपको भविष्य के लिए चिंतित दिखेगा। कोयो भविष्य की चिंता बेचकर कमा रहा है, तो कोयो भविष्य की चिंता खरीदकर गंवा रहा है। लेकिन इस सब के बीच गड़बड़ ई है कि भविष्य के फेर में सब अपना बेड़ा गर्क करवा रहा है। अब दिल्लिये को लीजिए। यहां के लोग सब भविष्य से बहुते डरते हैं। भविष्य की चिंता उनकी जेब काट रही है। यहां जमीन है नहीं, लेकिन बिल्डर सब कागज पर घर बनाकर खूब बेच रहा है औरो लोग सब खरीदियो रहा है! यहां आपको ऐसन-ऐसन कालोनी मिलेगी, जहां पीने के लिए पानी औरो रोशनी के लिए बिजली नहीं है, लेकिन घर का दाम सुनिएगा, तो गश आ जाएगा! घर देखने जाइए, तो बिल्डर आपको पहले ठंडा पिलाएगा, फिर बताएगा कि कैसे दो साल में इसका दाम दुगुना होने वाला है। दूर का ढोल सबको सुहाना लगता है, सो बिल्डर का बताया भविष्य का सपना आपको एतना मीठा लगेगा कि जेब खाली करके या बैंक से लोन लेके या फिर दोस्तों से गाली खाके भी आप उस भविष्य को खरीद ही लीजिएगा। लेकिन आपको झटका लगेगा तब, जब वहां आपको मुफ्त में रहने वाला किराएदार भी नहीं मिलेगा! भविष्य की इस चिंता ने कैसन बेड़ा गर्क

'सेल' में सरकार

लीजिए, दिल्ली सरकार अब पियोर व्यापारी हो गई है। का है कि जैसे दुकानदार सब होली-दीवाली पर सेल लगाता है न, वैसने दिल्ली सरकारो अब सेल लगाने लगी है। पहले चीजों का दाम ८० परसेंट बढ़ाकर स्टीकर चिपका दीजिए औरो फिर बड़का बैनर पर अप टू ७० परसेंट सेल लिखकर टांग दीजिए। जनता खुश! केतना सस्ता चीज मिल रहा। अब गिरहकट ने कैसे जेब काट लिया ई पता किसको चलता है! तो भइया दिल्ली सरकार ने भी तेल के खेल में व्यापारी वाला बुद्धि लगाया। उसको पता था कि पेटरोल-डीजल का दाम बढ़ते ही लोग हाय-हाय करेंगे, सो ऐसा करो कि दाम एतना बढ़ा दो कि जब लोग हाय-हाय करने लगेंगे, तो थोड़ा दाम घटाकर वाहवाही लूट सको। अब सरकार का धंधा देखिए कि पेटरोल का चार टका दाम बढ़ा के ६७ पैसा का सेल लगा दिया, तो डीजल का दो टका दाम बढ़ा के २२ पैसा का सेल लगा दिया। और अब उ सीना तान रही है कि देखो, हम जनता का केतना चिंता करते हैं। वैसे, इस सरकारी रवैया के लिए जनतो कम दोषी नहीं है। अब का है कि तनिये ठो छूट देख के आप समान लूटने के लिए टूट पडि़एगा, तो आपको कोयो बेकूफ बना सकता है। हमको तो इस तेल में दोसरे खेल नजर आता है। हमरे खयाल से सरकार ने अब पेटरो