प्रिय भक्तो, पिछले कुछ सालों से जन्माष्टमी के दिन मैं बड़ा व्याकुल महसूस करता हूं। मुझे पता चला कि पृथ्वी लोक पर सबसे ज्यादा पॉपुलर भगवानों में मैं शीर्ष पर हूं, लेकिन सच पूछो तो अपनी पॉपुलैरिटी को लेकर मैं खुद ही कन्फ्यूज्ड हूं। इतना पॉपुलर होने का मतलब है कि लोग मेरे विचारों से प्रभावित होंगे। उन्हें लगता होगा कि मैं उनका आदर्श हूं, लेकिन समझ नहीं आ रहा कि अगर मैं घर-घर पूजा जाता हूं, सबसे पॉपुलर हूं और आदर्श भी, तो फिर मेरे विचारों की, मेरे आदर्शों की धज्जियां वहां कैसे उड़ रही हैं! मुझसे जुड़ा कोई भी धर्मग्रंथ, कोई भी पुराण देख लीजिए, महिलाओं को मैंने सबसे ज्यादा मान दिया है। जिस समय पुरुषों का राज था, वे समाज को लीड करते थे, तब भी मैंने गोपियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया। उन्हें पुरुषों के बराबर दर्जा दिया। जहां कृष्ण हैं, वहां गोपियां हैं। बिना गोपियों के कृष्ण की कथा कभी पूरी नहीं होती। यह महिला सशक्तिकरण का मेरा तरीका था। मैंने उन्हें घर की चारदीवारी से बाहर निकाला, वे मेरे साथ नि:संकोच आ सकती थीं, रास में शामिल हो सकती थीं। कृष्ण के नाम पर उनके घरवालों ने उन्हें...
उस दिन सबेरे-सबेरे जब हमरी नींद टूटी या कहिए कि जबरदस्ती तोड़ दी गई, तो सामने दू ठो धरती पर के यमराज... माफ कीजिएगा लाठी वाले सिपाही सामने में खड़े थे। जब तक हम कुछ कहते, उन्होंने घरेलू हिंसा के जुरम में हमको गिरफतार कर लिया। उनका कहना था कि हमने रात में पास के विडियो पारलर से एडल्ट फिलिम का सीडी लाया है औरो जरूर हमने उसे अपनी धरम पत्नी को दिखाया होगा, जो नया घरेलू हिंसा कानून के तहत जुरम है। अपनी गरदन फंसी देख हमने मेमयाते हुए सफाई दी, 'लेकिन भाई साहेब ऊ सीडिया तो हम अभी तक देखबो नहीं किए हैं, तो धरम पत्नी को कहां से देखाऊंगा? वैसे भी जिस काम के लिए एडल्ट सीडी लाने की बात आप कर रहे हैं, ऊ तो टीवी मुफ्त में कर देता है... बस टीवी पर आ रहे महेश भट्ट की फिलिम का कौनो गाना देख लीजिए, वात्स्यायन का पूरा कामशास्त्र आपकी समझ में आ जाएगा! इसके लिए अलग से पैसा खर्च करने की का जरूरत है? वैसे भी अगर ऐसन कानून लागू होने लगा, तो लोग अपनी बीवी के साथ कौनो हिंदी फिलिम नहीं देख सकता, काहे कि सब में अश्लीलता भरल रहती है।' हमरी इस अनुपम 'सुपर सेवर' जानकारी पर पहिले तो सिपाही महोदय हैरान ...
दिल्ली में आजकल रावणों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। जी हां, चोर-उचक्के , गिरहकट, लंपट औरो बलात्कारी जैसन कलियुगी जिंदा रावण तो पहिले से यहां बहुत थे, आजकल त्रेतायुगीन रावण के पुतले की भी भरमार है। तो हुआ ई कि हमरी संपादक जी ने कहा कि दशहरा के मौके पर रावण का इंटरभ्यू लेकर आओ। खैर, हमको बेसी खोजना नहीं पड़ा, बगल वाले पार्क में ही ऊ मूंछ पर हाथ फेरते दिख गए। हमने इंटरभ्यू की बात कही, तो ऊ नेता जी जैसन खुश हो गए औरो दे डाला एक धांसू इंटरभ्यू। लीजिए, आप भी पढि़ए : 'दिल्ली में आपकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है...।' 'बात ई है कि लोगों में फरस्टेशन बढ़ गया है। दिल्ली में चोर-उचक्कों औरो हत्यारों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन लोग उनका कुछो बिगाड़ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में हमरा पुतला फूंककर ऊ अपना फरस्टेशन निकालते हैं। इससे उनको सुकून मिलता है। अब जैसे-जैसे उनका फरस्टेशन बढ़ रहा है, हमरे पुतलों की संख्या भी ऊ बढ़ाते जा रहे हैं। फिर हुआ इहो है कि जेतना चोर-उचक्का सब था, सब नेता बन गया है। हमरा पुतला फूंककर ऊ सब जनता को समझाना चाहते हैं कि ऊ पापी तो हैं, लेकिन रावण जितना नहीं। खैर,...
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उम्मीद है नव वर्ष में भी आपके मजेदार लेख लगातार पढ़ने को मिलते रहेंगे।