कितने गिरे गीअर?
पिछले दिनों एड्स जागरूकता के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हॉलिवुड एक्टर रिचर्ड गीअर और शिल्पा शेट्टी के चुंबन प्रकरण को यूं तो मोरल पुलिसिंग न करने के नाम पर खारिज किया जा सकता है, लेकिन गौर से देखें, तो यह यूं ही भुला देने वाली बात भी नहीं है। हालांकि खुद शिल्पा ने इतना कुछ होने के बावजूद इसका कोई खास विरोध नहीं किया और रिचर्ड की संस्कृति की बात कहकर वह इस मामले को ठंडा भी करना चाहती हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या इसे रिचर्ड और शिल्पा के बीच का आपसी मुद्दा मानकर छोड़ देना चाहिए या भविष्य के लिए सबक के तौर पर याद रखना चाहिए?
वैसे, सवाल और भी हैं। पहली बात तो यह कि क्या रिचर्ड या शिल्पा जैसी शख्सियतों से सार्वजनिक मंच पर इतनी छिछोरी हरकत की उम्मीद की जा सकती है? दूसरी बात यह है कि क्या खुले माहौल का मतलब अभी भी यही माना जाए कि पुरुष कहीं भी अपनी मनमानी के लिए स्वतंत्र हैं? और तीसरी बात यह कि खबरिया चैनल्स इस तरह के दृश्य को घंटों दिखाकर अपने को कैसे कम गुनाहगार मान सकते हैं?
गौरतलब है कि कुछ ही महीनों के अंदर यह दूसरा मौका है, जब सेलिब्रिटी स्टेटस प्राप्त दो महिलाओं के साथ उनके पुरुष मित्रों ने सरेआम इस तरह की शर्मनाक हरकत की है और खबरिया चैनलों की 'कृपा' से करोड़ों लोगों का 'मनोरंजन' हुआ है। बहुत दिन नहीं हुए, जब सिंगर मीका ने राखी सावंत को अपने बर्थडे पार्टी में जबर्दस्ती किस किया था और उसके विरोध में राखी सावंत थाने चली गई थी। हालांकि राखी के इस विरोध का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला और बात आई-गई हो गई। वैसे, यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि मीका के बात वहीं खत्म नहीं हो गई थी। उन्होंने 'चोरी और सीनाजोरी' के अंदाज में उस प्रकरण पर एक गाना ही गा डाला 'भाई तूने पप्पी क्यों ली...' और आश्चर्य की बात यह कि उनके इस गाने का कोई विरोध भी नहीं हुआ। कहां तो सभ्य समाज में जीने का तकाजा यह था कि मीका शर्मिंदगी से कभी सिर न उठा पाते और कहां हुआ यह कि मीका खुद भी इस प्रकरण से मौज ले रहे हैं व दूसरे का भी मनोरंजन कर रहे हैं।
हालांकि राखी-मीका प्रकरण से रिचर्ड -शिल्पा प्रकरण की तुलना नहीं की जा सकती, लेकिन इन दोनों घटनाओं और खबरिया चैनलों का इन पर 'मौज' लेने के अंदाज को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि ऐसे प्रकरण आगे भी बहुतायत में हमें देखने को मिले, तो आश्चर्य की कोई बात नहीं। चलिए एक बार को यह मान भी लिया जाए कि रिचर्ड की संस्कृति में ऐसी हरकतें गलत नहीं हैं, लेकिन क्या उन्हें यह नहीं पता कि भारतीय संस्कृति क्या है? आखिर रिचर्ड सामाजिक कार्यों के सिलसिले में सालों से भारत आते रहे हैं। वैसे भी सार्वजनिक मंच पर किसी पुरुष द्वारा महिला को इस तरह बलपूर्वक चूमने को कोई भी सभ्य समाज मान्यता नहीं दे सकता, फिर चाहे वह मीका हो या फिर रिचर्ड गिअर। अपनी पर्सनल लाइफ में आप कुछ भी हो सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थान की अपनी जो गरिमा होती है, उसका खयाल हर किसी को रखना ही चाहिए।
वैसे, सवाल और भी हैं। पहली बात तो यह कि क्या रिचर्ड या शिल्पा जैसी शख्सियतों से सार्वजनिक मंच पर इतनी छिछोरी हरकत की उम्मीद की जा सकती है? दूसरी बात यह है कि क्या खुले माहौल का मतलब अभी भी यही माना जाए कि पुरुष कहीं भी अपनी मनमानी के लिए स्वतंत्र हैं? और तीसरी बात यह कि खबरिया चैनल्स इस तरह के दृश्य को घंटों दिखाकर अपने को कैसे कम गुनाहगार मान सकते हैं?
गौरतलब है कि कुछ ही महीनों के अंदर यह दूसरा मौका है, जब सेलिब्रिटी स्टेटस प्राप्त दो महिलाओं के साथ उनके पुरुष मित्रों ने सरेआम इस तरह की शर्मनाक हरकत की है और खबरिया चैनलों की 'कृपा' से करोड़ों लोगों का 'मनोरंजन' हुआ है। बहुत दिन नहीं हुए, जब सिंगर मीका ने राखी सावंत को अपने बर्थडे पार्टी में जबर्दस्ती किस किया था और उसके विरोध में राखी सावंत थाने चली गई थी। हालांकि राखी के इस विरोध का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला और बात आई-गई हो गई। वैसे, यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि मीका के बात वहीं खत्म नहीं हो गई थी। उन्होंने 'चोरी और सीनाजोरी' के अंदाज में उस प्रकरण पर एक गाना ही गा डाला 'भाई तूने पप्पी क्यों ली...' और आश्चर्य की बात यह कि उनके इस गाने का कोई विरोध भी नहीं हुआ। कहां तो सभ्य समाज में जीने का तकाजा यह था कि मीका शर्मिंदगी से कभी सिर न उठा पाते और कहां हुआ यह कि मीका खुद भी इस प्रकरण से मौज ले रहे हैं व दूसरे का भी मनोरंजन कर रहे हैं।
हालांकि राखी-मीका प्रकरण से रिचर्ड -शिल्पा प्रकरण की तुलना नहीं की जा सकती, लेकिन इन दोनों घटनाओं और खबरिया चैनलों का इन पर 'मौज' लेने के अंदाज को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि ऐसे प्रकरण आगे भी बहुतायत में हमें देखने को मिले, तो आश्चर्य की कोई बात नहीं। चलिए एक बार को यह मान भी लिया जाए कि रिचर्ड की संस्कृति में ऐसी हरकतें गलत नहीं हैं, लेकिन क्या उन्हें यह नहीं पता कि भारतीय संस्कृति क्या है? आखिर रिचर्ड सामाजिक कार्यों के सिलसिले में सालों से भारत आते रहे हैं। वैसे भी सार्वजनिक मंच पर किसी पुरुष द्वारा महिला को इस तरह बलपूर्वक चूमने को कोई भी सभ्य समाज मान्यता नहीं दे सकता, फिर चाहे वह मीका हो या फिर रिचर्ड गिअर। अपनी पर्सनल लाइफ में आप कुछ भी हो सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थान की अपनी जो गरिमा होती है, उसका खयाल हर किसी को रखना ही चाहिए।
टिप्पणियाँ
मीका वाले प्रकरण में राखी सावंत को आम जनता की कोई खास सहानुभूति नहीं मिली थी । लोग कहते थे इसके पीछे राखी की स्वयं की छवि का दोष है । मैने उस समय भी कहा था कि राखी की चाहे जैसी भी छवि हो इससे किसी अन्य को उनके साथ जबरदस्ती करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता । सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि जो कुछ हुआ राखी की इच्छा के विरूद्ध हुआ और एक सभ्य समाज को इसकी भर्तस्ना करनी चाहिये ।
लेकिन शिल्पा वाले प्रकरण में कहीं से भी ऐसा नहीं लगता कि रिचर्ड ने शिल्पा के साथ जोर जबरदस्ती की । स्वयं शिल्पा ने ये बात कही है कि उन्हे रिचर्ड से कोई शिकायत नहीं है । इसके बाद भी रिचर्ड ने शिल्पा से माफ़ी माँग ली है । मुझे नहीं लगता कि उन्हे किसी और से माफ़ी माँगने की आवश्यकता है ।
रही बात हमारी संस्कॄति और सामाजिक मूल्यों की, तो उसके बारे में जितना कम कहा जाये उतना अच्छा है । इस बारे में मैं एक पूरी पोस्ट लिखने का मसौदा बना चुका हूँ और इस बारे में आपको शीघ्र ही सूचित करूँगा ।
ज्यादा नही बस ये कहूंगा की दो व्यक्तियों का आपसी हंसी-मज़ाक बेवजह तूल पा गया.
रीचर्ड गेरे की एक फ़िल्म शेल वी डांस के एक हास्यमय दृष्य को वे शिल्पा को खुश करने के लिए मंच पर दोहरा रहे थे - जिस फ़िल्म की शिल्पा ने प्रशंसा की थी!
ऐसा कर के वे शिल्पा को खुश करने का प्रयास कर रहे थे, वे उनकी ओन द स्क्रीन फ़ैंटेसी को सबके सामने पूर कर के उनका दिन बनाने की कोशिश कर रहे थे, ये वे जानती हैं लेकिन 'भारतीय नारी' होने के नाते कह भी तो नहीं सकतीं.
वैसे आपकी जानकारी के लिये बता दूं की दुनिया की किसी भी औरत को अपने सभ्य मित्र द्वारा चूमने पर कोई आपत्ती नही होती - केवल उन बंदरों को होती है जो किसी और को वो आनन्द लेते-देते हुए नही देख सकते और जलते भुनते रहते हैं.
@ eswami- dhanya hain maharaj!
इस मामले में बात अलग है, हॉलीवुड के फंक्शनों में भी एकाध चुंबन लेते ही दिखते हैं। यहाँ तो कुछ (बहुत) ज्यादा ही हो गया।
कोई अपनी निजी जिंदगी में जो मर्जी करे, उससे किसी को क्या मतलब। लेकिन सार्वजनिक जीवन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए, ऐसे मंच पर ये उचित नहीं।
निजी जीवन में तो और भी बहुत कुछ है लेकिन क्या वो सार्वजनिक मंच पर भी किया जा सकता है?
"ज्यादा नही बस ये कहूंगा की दो व्यक्तियों का आपसी हंसी-मज़ाक बेवजह तूल पा गया."
इतना खतरनाक हँसी-मजाक!!
"वैसे आपकी जानकारी के लिये बता दूं की दुनिया की किसी भी औरत को अपने सभ्य मित्र द्वारा चूमने पर कोई आपत्ती नही होती - केवल उन बंदरों को होती है जो किसी और को वो आनन्द लेते-देते हुए नही देख सकते और जलते भुनते रहते हैं."
भईया कोई आपति नहीं, लेकिन सार्वजनिक मंच पर ये उचित नहीं। इसे आप तर्कों द्वारा जायज नहीं ठहरा सकते।