एक एक कर सब बिक गए!
लीजिए, सब बिक गए। का तेंडुलकर, का धोनी, का जयसूर्या, का पॉन्टिंग...सबकी औकात दो टके की हो गई। सरे बाजार सब नीलाम हो गए। कोयो शाहरुख का करमचारी बन गया, तो कोयो प्रीति जिंटा का गुलाम, कोयो विजय माल्या के बोतल में बंद हो गया, तो कोयो रिलायंस के राजस्व का हिस्सा बन गया। जो जेतना बड़ा तीसमार खां था, ओ ओतना महंगा बिका, तो सचिन के साथ 'गेम' हो गया। इस बेचारे 'भगवान' की औकात धोनी तो छोडि़ए, साइमंड्स से भी कम हो गई।
इस नीलामी में सबसे बेसी दुख हमको बेचारे हरभजन सिंह को लेकर हुआ। बेचारे ने जिस मंकी को 'मंकी' कहा औरो जिसके कारण मीडिया को देश का सम्मान दांव पर 'लगने' लगा था, उस साइमंड्स की कीमत भज्जी से बेसी लगाई गई। कहां भज्जी मात्र 3.40 करोड़ में बिके, तो कहां आस्ट्रेलियाई किरकेटर साइमंड्स 5.40 करोड़ में! अब हमको ई नहीं पता कि किरकेटिया कमाई में देश का सम्मान कहां चला गया?
वैसे, हमरे समझ में इहो नहीं आ रहा कि साइमंड्स का सोचकर खेलने आ रहे हैं? अगर तेंडुलकर औरो हरभजन जैसन लोग उनको गंवार लगते हैं, तो यहां तो उनको गंवारों की टोली मिलेगी। हालांकि हमको अभियो शक है कि साइमंड्स के खेल की सही कीमत लगाई गई है। सही पूछिए, तो साइमंड्स की इतनी महंगी शापिंग कर हैदराबाद ने साबित कर दिया है कि गालियां बहुते महंगी बिकती हैं... विवादों में पैसा होता है। हैदराबाद की मानें, तो अपनी कीमत बढ़ाने के लिए खिलाडि़यों को विवादों में फंसना चाहिए ... किसी को गरियाइए या किसी से गाली खाइए... दुनिया भर के लोग आपको जानेंगे औरो किरकेटिया हाट में आपकी कीमत बढ़ जाएगी। ई किरकेट नहीं, गालियों की जीत है मान्यवर!
जीत तो वैसे भी आईपीएल में हमको किरकेट की होती नहीं दिख रही। पैसा के इस खेल में अब किरकेट बचेगा कहां? किरकेट गया भाड़ में, रन औरो विकेट नहीं, सबको इससे पैसा बनाना है। जिन लोगों ने टीम औरो खिलाड़ियों को खरीदने के लिए अरबों की बोली लगाई है, ऊ इससे खरबों कमाने का सपना पालकर बैठे हुए हैं। खिलाड़ी खरीदने में बटुआ खाली कर उन लोगों ने बड़का-बड़का झोला सिलाया है पैसा समेटने के लिए। इसलिए असली खेल तो अब शुरू होगा।
पैसा कमाना है, तो टीमों के मालिकों को अब मेहनत करनी होगी। उन्हें किरकेट परेमियो को स्टेडियम तक आने के लिए लुभाना होगा। मतलब साफ है, सिरफ किरकेट से कुछो नहीं होगा, कुछ मसाला भी भरने होंगे, नौटंकी करनी होगी... उसमें इमोशन, डरामा डालना होगा। यानी किरकेटिया बंदरों का नाच दिखाने के लिए शाहरुख जैसन टीमों के मालिक अब मदारी बनेंगे। कोलकाता में मैच का परचार कुछ ऐसन किया जाएगा- स्टेडियम आने वाले सभी दर्शकों को शाहरुख की झप्पी मिलेगी, तो मोहाली में परचार किया जाएगा- स्टेडियम आने वाले दर्शकों को प्रीति जिंटा की पप्पी मिलेगी। उधर, विजय माल्या 'ऊ ला ला...' गाने के लिए अपने कैलंडर वाली बिकनी बालाओं को बुलाएंगे, उसे चीयर लीडर बनाएंगे, तो मुकेश अंबानी टिकट खरीदने वालों को रिलायंस पेटरोलियम का शेयर मुफ्त में देंगे।
शार्ट कट में कहें, तो आईपीएल में एतना कुछ होगा कि किरकेट का कुछ नहीं होगा! बाकी का तो भगवान मालिक है !!!
इस नीलामी में सबसे बेसी दुख हमको बेचारे हरभजन सिंह को लेकर हुआ। बेचारे ने जिस मंकी को 'मंकी' कहा औरो जिसके कारण मीडिया को देश का सम्मान दांव पर 'लगने' लगा था, उस साइमंड्स की कीमत भज्जी से बेसी लगाई गई। कहां भज्जी मात्र 3.40 करोड़ में बिके, तो कहां आस्ट्रेलियाई किरकेटर साइमंड्स 5.40 करोड़ में! अब हमको ई नहीं पता कि किरकेटिया कमाई में देश का सम्मान कहां चला गया?
वैसे, हमरे समझ में इहो नहीं आ रहा कि साइमंड्स का सोचकर खेलने आ रहे हैं? अगर तेंडुलकर औरो हरभजन जैसन लोग उनको गंवार लगते हैं, तो यहां तो उनको गंवारों की टोली मिलेगी। हालांकि हमको अभियो शक है कि साइमंड्स के खेल की सही कीमत लगाई गई है। सही पूछिए, तो साइमंड्स की इतनी महंगी शापिंग कर हैदराबाद ने साबित कर दिया है कि गालियां बहुते महंगी बिकती हैं... विवादों में पैसा होता है। हैदराबाद की मानें, तो अपनी कीमत बढ़ाने के लिए खिलाडि़यों को विवादों में फंसना चाहिए ... किसी को गरियाइए या किसी से गाली खाइए... दुनिया भर के लोग आपको जानेंगे औरो किरकेटिया हाट में आपकी कीमत बढ़ जाएगी। ई किरकेट नहीं, गालियों की जीत है मान्यवर!
जीत तो वैसे भी आईपीएल में हमको किरकेट की होती नहीं दिख रही। पैसा के इस खेल में अब किरकेट बचेगा कहां? किरकेट गया भाड़ में, रन औरो विकेट नहीं, सबको इससे पैसा बनाना है। जिन लोगों ने टीम औरो खिलाड़ियों को खरीदने के लिए अरबों की बोली लगाई है, ऊ इससे खरबों कमाने का सपना पालकर बैठे हुए हैं। खिलाड़ी खरीदने में बटुआ खाली कर उन लोगों ने बड़का-बड़का झोला सिलाया है पैसा समेटने के लिए। इसलिए असली खेल तो अब शुरू होगा।
पैसा कमाना है, तो टीमों के मालिकों को अब मेहनत करनी होगी। उन्हें किरकेट परेमियो को स्टेडियम तक आने के लिए लुभाना होगा। मतलब साफ है, सिरफ किरकेट से कुछो नहीं होगा, कुछ मसाला भी भरने होंगे, नौटंकी करनी होगी... उसमें इमोशन, डरामा डालना होगा। यानी किरकेटिया बंदरों का नाच दिखाने के लिए शाहरुख जैसन टीमों के मालिक अब मदारी बनेंगे। कोलकाता में मैच का परचार कुछ ऐसन किया जाएगा- स्टेडियम आने वाले सभी दर्शकों को शाहरुख की झप्पी मिलेगी, तो मोहाली में परचार किया जाएगा- स्टेडियम आने वाले दर्शकों को प्रीति जिंटा की पप्पी मिलेगी। उधर, विजय माल्या 'ऊ ला ला...' गाने के लिए अपने कैलंडर वाली बिकनी बालाओं को बुलाएंगे, उसे चीयर लीडर बनाएंगे, तो मुकेश अंबानी टिकट खरीदने वालों को रिलायंस पेटरोलियम का शेयर मुफ्त में देंगे।
शार्ट कट में कहें, तो आईपीएल में एतना कुछ होगा कि किरकेट का कुछ नहीं होगा! बाकी का तो भगवान मालिक है !!!
टिप्पणियाँ
बिल्कुल अब आई.पी.एल मे यही होने वाला है।
shubh abhivaadan. bilkul sahee farmaayaa aapne magar main to soch rahaa thaa ki yadi sau do sau mein koi khilaadee biktaa to khaareed letaa. ajee kriket naa sahee kuchh aur hee khel khilwaa lete.